आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति हजारों सालों से भारत के इतिहास में उपयोग में ली जाती रही है भारत आज से नहीं बल्कि हजारों वर्षों से आयुर्वेद पद्धति को अपनाता रहा है वेद सबसे प्राचीन विकसित पद्धति है पर आयुर्वेद को लेकर लोगों के दिमाग में अभी भी तमाम तरीके के गलत (Myth about Ayurveda) प्रचार, विचार हैं लोगों का मानना है कि आयुर्वेदिक दवाओं का असर धीरे-धीरे होता है तुरंत सही नहीं है लेकिन यह जरूरी नहीं है सभी आयुर्वेदिक दवाओं का असर काफी समय बाद हो ।
आयुर्वेदिक Ayurveda चिकित्सा पद्धति है जिसका प्रयोग अलग अलग तरीके से किया जाता रहा है आयुर्वेद में फल फूल पत्तियों सभी का अलग-अलग तरीके से प्रयोग किया जाता है एक आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग सैकड़ों तरीके की बीमारियों के में किया जा सकता है आयुर्वेद में रोकथाम, बचाव, उपचार आदि के लिए दवाएं और तरीके आज भी हैं परंतु आयुर्वेद के बारे में कुछ कॉमन मिथ भी हैं।
1. आयुर्वेदिक दवाओं के साथ शाकाहारी भोजन जरूरी – (Ayurvedic Treatment and Non Veg Diet)
आयुर्वेद में शाकाहारी भोजन पर काफी जोर दिया जाता है क्योंकि भोजन की तामसिक, राजसिक और सात्विक तीन प्रकार होते हैं, तमाम तपस्वी ऋषि-मुनियों ने अपने अपने ज्ञान के आधार पर आयुर्वेदिक पद्धति का विकास किया था आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार शाकाहारी भोजन हमारे शरीर के लिए सबसे फायदेमंद माना गया है लेकिन आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करने या किसी भी प्रकार का भोजन करने से कोई मनाई ही नहीं है शाकाहारी भोजन के मुकाबले में मांसाहारी भोजन को पकाने के लिए बहुत तेल और मसालों का उपयोग किया जाता है इसलिए कुछ जगह पर इसके लिए मनाही की गई है कि बहुत ज्यादा तेल और मसालों का उपयोग ना करें ।
2. कोई साइड इफेक्ट नहीं होता
आयुर्वेदिक दवाओं का आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में एक बात सबसे ज्यादा प्रचलित है कि आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता परंतु अन्य दवाओं की अपेक्षा में आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करने से कम नुकसान पहुंचता है ना के बराबर लेकिन किसी भी चीज का बहुत ज्यादा अधिक मात्रा में उपयोग करने से उसका नुकसान तो जरूर पहुंचेगा आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन सीमित और उचित मात्रा में करना कभी भी मुस्कान दे नहीं होता परंतु आयुर्वेदिक दवाओं को लेने के बहुत सारे नियम होते हैं अगर आप इन नियमों का सेवन नहीं करते हैं तो हो सकता है कि किसी दवा का सेवन नियम ना मानने पर नुकसान हो सकता है इसलिए आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करने से पहले अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
3. सिर्फ जड़ी बूटियों का ही पयोग होता है!
आयुर्वेद में (Ayurveda is only about Herbs) यह सच है कि आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए सबसे ज्यादा जड़ी बूटियों फल फूलों, या पेड़ों की छाल का ही उपयोग किया जाता है परंतु यह कहना कि सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं में जड़ी बूटियां का ही होती हैं यह बिल्कुल गलत होगा क्योंकि आयुर्वेद में जड़ी बूटियों के अलावा भी अन्य चीजों का इस्तेमाल किया जाता है आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए नमक, जूस, रस आदि जैसी चीजों का भी उपयोग किया जाता है ।
आजकल के आधुनिक आयुर्वेदिक प्रोडक्ट मैं यह सब Fruits & Herbs आराम से आपको कोल्ड प्रेस शुगर फ्री मिल जाते हैं आप खुद इनका चयन करके. इनका उपयोग रोज के प्रोटीन विटामिन मिनरल्स की पूर्ति के लिए कर सकते हैं.
4. आयुर्वेद कोई मान्यता प्राप्त चिकित्सा नही है!
आयुर्वेद के बारे में सबसे कॉमन बात यह कही जाती है कि आयुर्वेद पद्धति किसी भी प्रकार का अप्रूवल नहीं है या आयुर्वेद कि कोई लीगल प्रैक्टिस नहीं करता आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है.

भारत में आयुर्वेद से जुड़ी हुई तमाम पढ़ाई देशभर में कराई जाती हैं और सभी डॉक्टरों को अच्छी तरीके से मान्यता प्राप्त संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करनी होती है और इस प्रैक्टिस को करने के लिए लाइसेंस भी लेना पड़ता है।
5. आयुर्वेद कोई विज्ञान नहीं है! (Ayurveda is not a Science)
आयुर्वेद के बारे में लोगों का यह मानना है कि यह कोई विज्ञान नहीं होता जैसे दूसरी एलोपैथिक को विज्ञान के द्वारा अप्रूवल प्राप्त है आयुर्वेद में कुछ स्थितियों रोगों को इतने अच्छे तरीके से बता दिया जाता है जितना की एलोपैथिक भी नहीं बता पाते पर इसके लिए बहुत ज्यादा प्रैक्टिस की जरूरत पड़ती है जो लोग आयुर्वेद को विज्ञान नहीं मानते हैं उनके लिए यह एक गलतफहमी हो सकती हैं ।
6. क्या सच में आयुर्वेदिक दवाएं देर से असर करती हैं! (Ayurvedic Medicine act Slow)
यह कहना की आयुर्वेदिक दवाइयां देर से असर करती हैं बिल्कुल गलत होगा क्योंकि आयुर्वेदिक डॉक्टर के कहे अनुसार अगर आप नियमों का पालन करते हैं समय पर दवाई और भोजन करते हैं व्यायाम करते हैं तो दवाइयां समय पर असर करती हैं।
आयुर्वेदिक दवाओं का असर अन्य दवाओं की अपेक्षा कम नुकसान दे होता है परंतु कोई भी आयुर्वेदिक उपचार अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें
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