हमारे शरीर का सबसे बड़ा भाग 70% पानी का होता है जिस तरह से पृथ्वी का 70% भाग पानी का होता है जल ही जीवन है ! पानी की कुछ अपनी क्वालिटीज होती हैं जोकि हमारे शरीर में जाकर अलग अलग तरीके से काम करती है जैसे हमारी त्वचा में लचीलापन, बालों का ध्यान रखना, हमारे शरीर में लीवर, किडनी, आंखों से जुड़ी हर चीज में पानी का ही इस्तेमाल होता है पर पानी पीने के क्या कुछ नियम होते हैं? जी हां पानी पीने के भी नियम होते हैं एक साधारण सी चीज जो हमारे शरीर का इतना बड़ा हिस्सा है और इतने सारे कार्य करता है तो क्या उसके कोई नियम नहीं होंगे जरूर हैं !
आयुर्वेद के अनुसार तांबे Copper के बर्तन में रखा पानी पीने से होते हैं ये फायदे
आयुर्वेद में उषापान कहा जाता है,सुबह उठकर सबसे पहले पानी पीना चाहिए, जिसे स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को गुनगुना पानी या रात भर रखा हुआ तांबे का पानी पीना चाहिए.
आयुर्वेद के अनुसार पानी हमेशा घूंट-घूंट कर पीना चाहिए। ऐसा इसलिए जरूरी है ताकि यह बॉडी के टेंप्रेचर के मुताबिक शरीर में पहुंचे। सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक पानी के पीने के कुछ नियम हैं जो सेहतमंद रहने के लिए जरूरी हैं। सुबह खाली पेट पानी पीने से स्किन, लिवर, किडनी और आंख से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं।
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तांबे Copper के बर्तन में पानी पीने के नियम
हर रात को तांबे के जग में या लोटे में पानी को भर कर रखें और सुबह पहले इस पानी को पिए ऐसा करने से शरीर में कॉपर (Copper for Body) की कमी पूरी होती है और बॉडी से टॉक्सिंस बाहर निकालने में मदद मिलती है तांबे का पानी पीने से पेट साफ करने मैं भी बहुत आसानी होती है
हमारे शरीर में जैसे कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है उसी प्रकार तांबे की भी जरूरत होती है पर तांबे की जरूरत कुछ हद तक हमें भोजन से पूरी पूर्ति हो जाती है और अगर नहीं होती है तो तांबे के बर्तन में रखा गया पानी बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है यह हमारे ब्रेन फंक्शन को भी अच्छा करता है और यह हमारे ब्लड के प्रोडक्शन को बढ़ाने में भी मदद करता है इसलिए तांबे के बर्तन में पानी पीना अच्छा माना जाता है !
1. तांबे copper के बर्तन में कितने दिन पानी पीना चाहिए
तांबे के बर्तन के अंदर एंटीमाइक्रोब प्रॉपर्टीज होती हैं यह पानी को ना सिर्फ शुद्ध करता है बल्कि पानी में होने वाले छोटे बैक्टीरिया आदि को भी मार देता है जिससे पानी खुद ब खुद शुद्ध हो जाता है
आयुर्वेद के अनुसार, (ताम्र जल) तांबे का पानी (Copper weter) सुबह ख़ाली पेट पीना चाहिए। एक दिन में दो गिलास तांबे का पानी पीना पर्याप्त है। इस जल को पीने की शर्त है कि पेट ख़ाली होना चाहिए। लगातार पंद्रह दिन नियमित रूप से तांबे के बर्तन का पानी पीने के बाद दो-तीन दिन इससे ब्रेक लें।
2. तांबे Copper के बर्तन में पानी पीना
एक प्राचीन प्रथा है। तांबे के बर्तन में पानी जमा करना पानी शुद्ध करने का तरीका है आयुर्वेद इस बात को मानता है कि जब रात भर तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह इससे पहले पीने से शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं !
3. तांबे Copper के बर्तन में गर्म पानी
वहीं एक शोध के अनुसार, तांबे की तासीर वैसे तो आयुर्वेद में गर्म मानी गई है पर अगर तांबे के बर्तन में 8 से 10 घंटे के लिए पानी रख दिया जाए तो उसकी तासीर अपने आप ही गर्म हो जाती हैं इसीलिए तांबे के बर्तन में गर्म पानी नहीं डालना चाहिए इसलिए यदि अभी तक आप सर्दियों में सुबह उठकर तांबे में रखे पानी को गुनगुना करके पीते हैं तो अब से ऐसा ना करें!

4. तांबे Copper के बर्तन का पानी शरीर को फायदा पहुंचाता है
तांबा रक्त शुद्धि का काम करता है.हमारे ब्रेन फंक्शन को काफी एक्टिव बनाता है हमारे पाचन तंत्र Digestive System को स्वस्थ बनाता है तांबे में रखा गया पानी पीने से स्किन से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है. तांबे के पानी में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं जो आर्थराइटिस की प्रॉब्लम से बचाते हैं.
5. कितनी मात्रा में तांबे Copper का पानी पीना चाहिए और कब पीना चाहिए
भोजन करने के बाद कभी भी तांबे के बर्तन में रखा गया पानी नहीं पीना चाहिए ऐसा करने से आपके डाइजेस्टिव सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है और आपका डाइजेशन धीरे हो सकता है या फिर पेट दर्द की प्रॉब्लम भी हो सकती हैं तांबे के बर्तन में रखा गया पानी पीने का सबसे सही समय होता है सुबह खाली पेट
6. क्या तांबे Copper के बर्तन का पानी किसी और बर्तन में डालकर पीना चाहिए
तांबे के बर्तन का पानी तांबे के गिलास में ही पीना चाहिए अगर नहीं है तो कांच (neutral properties) का ग्लास सही है तांबे के बर्तन का पानी कभी भी किसी और बर्तन में डालकर नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे मेटल रिएक्शन होता है
हर मेटल की अपनी एक विशेषता होती है कुछ होते हैं जो कि पानी के साथ रिएक्ट करते हैं उसे एंटीमाइक्रोब प्रॉपर्टीज कहा जाता है तांबे को इसके लिए सबसे अच्छा और उपयोगी बर्तन माना जाता है इसीलिए आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखा गया पानी सुबह खाली पेट पीना बहुत सही माना गया है परंतु इस प्रक्रिया को बहुत ज्यादा नहीं करना चाहिए कुछ समय करने के पश्चात इससे कुछ समय कब ब्रेक जरूर लेना चाहिए ! किसी भी उपयोग बहुत ज्यादा करना नुकसानदेह हो सकता है फिर चाहे वह तांबे में रखे गए बर्तन का पानी ही क्यों ना हो!
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